परिचय
स्टोन या पत्थर धातु अथवा अन्य पदार्थों की तुलना में अधिक तंग होता है। इसे विभिन्न रूपों में पाया जाता है, जैसे ग्रेनाइट, मार्बल, सैंडस्टोन, लाइमस्टोन, स्लेट आदि।
स्टोन अत्यंत सख्त होता है और इसलिए इसे बनाना और सटीक ढंग से काटना मुश्किल होता है। इसके अलावा, स्टोन के विभिन्न प्रकारों की विशेषताएं भी होती हैं जैसे कि रंग, आकार, टेक्स्चर आदि।
स्टोन का उपयोग विभिन्न विकास कार्यों, भवन निर्माण, रेलवे ट्रैक, पुल, सेतु आदि में होता है। इसके अलावा, स्टोन का उपयोग संगीत उपकरणों जैसे घंटी, टंक आदि में भी होता है।
ज्योतिष विज्ञान में भी स्टोनों का उपयोग होता है। कुछ स्टोन विशेष रत्न माने जाते हैं जैसे माणिक्य, पुखराज, मूंगा, नीलम, पन्ना आदि। इन रत्नों का उपयोग भाग्य और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है।
धातु के प्रकार
स्टोन एक ऐसा उपकरण है जो धातुओं या अन्य पदार्थों की तुलना में अधिक सख्त होता है। इसका उपयोग भवन निर्माण, सड़क निर्माण, रेलवे ट्रैक, सेतु, पुल और अन्य
निर्माण कार्यों में किया जाता है। स्टोन के विभिन्न प्रकार होते हैं जो इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होते हैं।
ग्रेनाइट: ग्रेनाइट एक प्रकार का चट्टान होता है जो मुख्य रूप से सिलिकेट मिनरल्स से मिलकर बनता है। इसे हिंदी में "ग्रेनाइट" या "दाग़ाबाज़" कहा जाता है। ग्रेनाइट का उपयोग इमारतों, स्कूलों, अस्पतालों, ब्रिजों, मोर्टेल और कंक्रीट में किया जाता है। इसका उपयोग भूवैज्ञानिक अध्ययन और उत्पाद निर्माण में भी किया जाता है। इसका रंग सफेद, पिंक, लाल, हरा, काला आदि होता है। यह मुख्य रूप से भारत, ब्राज़ील, चीन, इटली, नॉर्वे, स्पेन आदि देशों में पाया जाता है।
मार्बल: मार्बल एक प्रकार का चट्टान होता है जो मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट से मिलकर बनता है। इसे हिंदी में "संगमरमर" या "मार्बल" कहा जाता है। मार्बल का उपयोग इमारतों, स्कूलों, अस्पतालों, मंदिरों, मूर्तियों, लवण समुद्री टैंकों, आदि के निर्माण में किया जाता है। इसका उपयोग भूवैज्ञानिक अध्ययन और उत्पाद निर्माण में भी किया जाता है। मार्बल का रंग सफेद, पीला, हरा, सुनहरा आदि होता है। यह मुख्य रूप से इटली, भारत, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका, स्पेन, चीन आदि देशों में पाया जाता है।
सैंडस्टोन: सैंडस्टोन एक प्रकार का पत्थर होता है जो प्राकृतिक रूप से निकलता है। यह धातु या अन्य विद्युत निर्मित सामग्री से नहीं बना होता है। सैंडस्टोन आमतौर पर सैंडस्टोन टावर्स, भवनों, पुलों, फाउंटेन आदि के निर्माण में इस्तेमाल होता है। इसकी मुख्य खासियत यह है कि यह आकर्षक और तंग होता है जिससे इसका इस्तेमाल निर्माण कार्यों में आसानी से किया जा सकता है।
लाइमस्टोन: लाइमस्टोन एक प्रकार का चट्टान होता है जो मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट से मिलकर बनता है। इसे चूना पत्थर भी कहा जाता है क्योंकि इसका मुख्य घटक कैल्शियम कार्बोनेट होता है, जो कि चूने से बना होता है। लाइमस्टोन का उपयोग इमारतों, सड़कों, रेलवे ट्रैकों, नीतियों, उद्योगों आदि के निर्माण में किया जाता है। इसका उपयोग जलवायु विज्ञान, भूवैज्ञानिक अध्ययन आदि में भी किया जाता है। इसका उपयोग सिद्धांत, रसायन विज्ञान और उत्पाद निर्माण में भी किया जाता है। इसका रंग सफेद या ग्रे होता है और यह मुख्य रूप से अमेरिका, ब्राज़ील, चीन, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, मेक्सिको, रूस, थाईलैंड आदि के देशों में पाया जाता है।
स्लेट: स्लेट एक बहुत ही सख्त पत्थर होता है जो संरचनात्मक निर्माण में उपयोगी होता है। यह स्कूल और अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थानों के निर्माण में भी उपयोगी होता है।
क्वार्ट्ज: क्वार्ट्ज स्टोन काफी चमकदार होता है और इसका उपयोग घरेलू उपयोगों जैसे कीचन टॉप्स, वाशबेसिन और काउंटरटॉप्स में किया जाता है।
संगमरमर: संगमरमर एक बहुत ही सुंदर स्टोन होता है जो विभिन्न विकास कार्यों में उपयोगी होता है। यह मंदिरों, महलों और सभी प्रकार के भवनों के निर्माण में उपयोगी होता है।
ब्लैक ग्रेनाइट: ब्लैक ग्रेनाइट एक स्वर्णिम स्टोन होता है जो बहुत ही सख्त होता है। यह स्टोन की प्रचुरता वाले स्थानों में उत्पन्न होता है। इसका उपयोग मंदिरों और अन्य प्रतिष्ठानों के निर्माण में किया जाता ह
धातु किसे कहते हैं
धातु एक प्राकृतिक उपादान होता है जो अधिकतर तत्वों से मिलकर बनता है। धातु अवशोषित और आपूर्ण नहीं होती है। इनकी प्रकृति ठोस होती है और इनकी आकृति आकार और विशिष्टता के आधार पर विभिन्न होती है।
धातु का उपयोग इतिहास से किया जाता रहा है। धातु को वस्तुओं और मशीनों के निर्माण में उपयोग किया जाता है। यह धातु वस्तुएं दुनिया भर में बनाई जाती हैं और इनका उपयोग लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरीकों से किया जाता है।
गम् धातु रूप
गम धातु रूप एक धातु होती है, जो प्रकृति में अप्रत्याशित रूप से पाई जाती है। यह एक धातु होती है, जो एक अत्यंत अन्य धातु से भिन्न होती है। गम धातु का रंग सफेद होता है और यह स्वर्ण, चांदी और पत्थरों में पाया जाता है।
गम धातु का रूप अत्यंत चमकदार होता है और इसे सोने या चांदी से तुलना करना मुश्किल होता है। इस धातु का प्रयोग आभूषण बनाने में किया जाता है जो सोने और चांदी से कम मूल्य के होते हैं। गम धातु सोने या चांदी से कम कीमत पर मिलती है जो इसका प्रयोग बजट में आभूषण बनाने में करते हैं।
गम धातु के अलावा भी इसमें कुछ अन्य धातुओं के मिश्रण से आभूषण बनाया जाता है। जैसे कि गम धातु का मिश्रण सोने के साथ बनाया जाता है जिससे कि सोने के आभूषणों की तुलना में कम कीमत में चमकदार आभूषण बनाए जा सकते हैं।
गम् धातु रूप धातु रूपों में से एक है जो कि सबसे अधिक दुर्लभ धातु रूपों में से एक है। इस धातु रूप का अधिकतम प्रयोग गोल्ड से बनी गहनों और विभिन्न तरह की रंगीन धातुओं के बनाने में होता है।
गम् धातु रूप की खोज पहली बार 1896 में स्विट्जरलैंड के वूट विलहेल्म द्वारा की गई थी। इस धातु रूप को उनकी पत्नी के नाम पर "गमेट" नाम दिया गया था जो कि ग्रीक शब्द "गामा" से लिया गया था जिसका अर्थ होता है "अज्ञात" या "गुप्त"।
गम् धातु रूप का रंग एक सुनहरी-नारंगी होता है जो कि स्वर्ण धातु से थोड़ा अलग होता है। इस धातु रूप की विशेषताओं में से एक यह है कि इसके साथ अन्य धातुओं का मिश्रण नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह धातु रूप अन्य धातुओं के साथ अमैश नहीं करता है।
इस धातु रूप का प्रयोग राशि लेने के लिए और सोने के गहनों, चांदी के गहनों और अन्य रंगीन धातुओं को बनाने के लिए किया जाता है।
धातु के विभिन्न उपयोगों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
निर्माण: धातु अधिकतर इमारतों, सेतु, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, वाहनों और मशीनों के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
विद्युत: धातु एल्यूमिनियम, तांबा, चाँदी, लोहा आदि विद्युत कंटेनर बनाने में उपयोग किया जाता है।
आहार: पत्थरों का उपयोग आहार में विभिन्न तरीकों से किया जाता है। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो आप आहार में पत्थरों का उपयोग कर सकते हैं।
पत्थर से बनी तवा - इस तरीके में, एक फायर ब्रिक पर बड़ा पत्थर रखा जाता है और उसे धीमी आंच पर गर्म किया जाता है। फिर आप इस पर आपके पसंद के आहार को तल सकते हैं जैसे कि रोटी, अंडे, बेकन आदि।
पत्थरों का उपयोग ग्रिलिंग के लिए - पत्थरों का उपयोग एक ग्रिल के लिए भी किया जाता है। आप एक फायर ब्रिक के ऊपर पत्थर रख सकते हैं और इस पर आपके पसंदीदा आहार को ग्रिल कर सकते हैं।
पत्थर से ठंडा करें - आप पत्थर को फ्रिज में रखकर उसे ठंडा कर सकते हैं और इसका उपयोग फल और सब्जियों को ठंडा करने के लिए कर सकते हैं।
पत्थर से चाय बनाएं - आप एक भारी पत्थर को धीमी आंच पर गर्म करके उसमें चाय को उबाल सकते हैं। इससे आपकी चाय का स्वाद बेहतर होता है।
धातु एक अवस्थात्मक पदार्थ होता है जो कि रसायन विज्ञान में उपयोग होता है। यह तत्व अकेले या अन्य तत्वों के साथ मिलकर धातु युक्त या धातुओं का गठन करते हैं। धातु जिन तत्वों से मिलकर बनते हैं, उन्हें धातु पदार्थ कहा जाता है।
धातु एक समूह होते हैं जो मुख्य रूप से मिश्रण या अल्लॉय के रूप में पाये जाते हैं। इनमें चांदी, सोना, तांबा, लोहा, जस्ता, निकेल आदि शामिल हैं।
धातुओं की अलग-अलग गुणवत्ता और उनके विभिन्न उपयोगों के कारण धातुओं को विभाजित किया जाता है। चांदी एवं सोने का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
तांबे का उपयोग पाइप, तवे आदि के बनाने में होता है। जस्ता का उपयोग मोटर, उड़ानों वाले वाहन, टेंक, रेलवे इंजन आदि के बनाने में किया जाता है। इसी तरह लोहा भी इन्जन, बिजली के तार आदि के बनाने में उपयोग होता है।
इतिहास में पत्थरों का उपयोग
प्राचीन इतिहास में, पत्थर बहुत महत्वपूर्ण था। यह एक मूल खनिज होता है जो धातुओं की तुलना में कम वजन और बड़े आकार के साथ होता है। इसे चुंबकीय विद्युत ऊर्जा
का प्रतिरोधक भी माना जाता है जिससे कि यह बिजली के निर्माण में भी उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, पत्थर के बनावटी अर्थात् संगृहीत चित्रों का उपयोग मूलत धार्मिक एवं सांस्कृतिक उद्देश्यों से किया जाता था।
इतिहास के प्रारंभ से ही, पत्थर के विभिन्न प्रकारों का उपयोग शस्त्रों, उपकरणों, मूर्तियों, जेवरातों, आभूषणों और वस्तुओं के निर्माण में किया जाता रहा है। एक उदाहरण के रूप
में, हरप्पा सभ्यता में, घरों और उपकरणों के निर्माण में लोहे और सोने के साथ-साथ पत्थर भी उपयोग किया जाता था
इतिहास में हमेशा से ही रत्नों का उपयोग किया गया है। रत्नों का उपयोग सैन्य युद्ध, धार्मिक कार्यक्रम और शास्त्रों में भी किया जाता रहा है। इनका उपयोग दुनिया भर में बड़ी ताकत होता है और इनके पीछे दीर्घ इतिहास और परंपरा होती है।
खुश रखने के लिए उनके अनुयायी रत्नों का उपयोग करते थे। जैसे सूर्य के लिए माणिक्य, मंगल के लिए मूंगा, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम आदि। इन रत्नों का
उपयोग न केवल ज्योतिष शास्त्र में होता था, बल्कि वैदिक संस्कृति में सम्मानित व्यक्तियों द्वारा भी किया जाता था।
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